शुरू होने वाले हैं नवरात्र, ऐसे करें पूजा की तैयारियां
नवरात्रि पर देवी पूजन और नौ दिन के व्रत का बहुत महत्व है. मां दुर्गा के नौ रूपों की अराधना का पावन पर्व शुरू होने वाला है. शास्त्रों में मां दुर्गा के नौ रूपों का बखान किया गया है. देवी के इन स्वरूपों की पूजा नवरात्रि में विशेष रूप से की जाती है. इस बार नवरात्र 18 मार्च से शुरू हो रहे हैं. नवरात्रि के नौ दिन लगातार माता पूजन चलता है. तो आइए जानें देवी के इस पावन पर्व पर कैसे करें पूजन की तैयारियां...
देवी पूजन की विशेष सामग्री :
- माता की मूर्ति या तस्वीर की स्थापना के लिए चौकी.
नवरात्रि पर देवी पूजन और नौ दिन के व्रत का बहुत महत्व है. मां दुर्गा के नौ रूपों की अराधना का पावन पर्व शुरू होने वाला है. शास्त्रों में मां दुर्गा के नौ रूपों का बखान किया गया है. देवी के इन स्वरूपों की पूजा नवरात्रि में विशेष रूप से की जाती है. इस बार नवरात्र 18 मार्च से शुरू हो रहे हैं. नवरात्रि के नौ दिन लगातार माता पूजन चलता है. तो आइए जानें देवी के इस पावन पर्व पर कैसे करें पूजन की तैयारियां...
देवी पूजन की विशेष सामग्री :
- माता की मूर्ति या तस्वीर की स्थापना के लिए चौकी.
- मां दुर्गा की तस्वीर या मूर्ति.
- चौकी पर बिछाने के लिए लाल या पीला कपड़ा.
- मां पर चढ़ाने के लिए लाल चुनरी या साड़ी.
- नौ दिन पाठ के लिए 'दुर्गासप्तशती' किताब.
- कलश.
- ताजा आम के पत्ते धुले हुए.
- फूल माला या फूल.
- एक जटा वाला नारियल.
- पान.
- सुपारी.
- इलायची.
- लौंग.
- कपूर.
- रोली, सिंदूर.
- मौली (कलावा).
- चावल.
अखंड ज्योति जलाने के लिए:
- पीतल या मिट्टी का साफ दीपक.
- घी.
- लंबी बत्ती के लिए रुई या बत्ती.
- दीपक पर लगाने के लिए रोली या सिंदूर.
- घी में डालने और दीपक के नीचे रखने के लिए चावल.
नौ दिन के लिए हवन सामग्री:
- हवन कुंड.
- आम की लकड़ी.
- हवन कुंड पर लगाने के लिए रोली या सिंदूर.
- काले तिल.
- चावल.
- जौ (जवा).
- धूप.
- चीनी.
- पांच मेवा.
- घी.
- लोबान.
- गुग्ल.
- लौंग का जौड़ा.
- कमल गट्टा.
- सुपारी.
- कपूर.
- हवन में चढ़ाने के लिए प्रसाद की मिठाई और नवमी को हलवा-पूरी.
- आचमन के लिए शुद्ध जल.
कलश स्थापना के लिए:
- एक कलश.
- कलश और नारियल में बांधने के लिए मौली (कलावा).
- 5, 7 या 11 आम के पत्ते धुले हुए.
- कलश पर स्वास्तिक बनाने के लिए रोली.
- कलश में भरने के लिए शुद्ध जल और गंगा जल.
- जल में डालने के लिए केसर और जायफल.
- जल में डालने के लिए सिक्का.
- कलश के नीचे रखने चावल या गेहूं.
जवारे बोने के लिए:
- मिट्टी का बर्तन.
- साफ मिट्टी (बगीचे की या गड्डा खोदकर मिट्टी लाएं).
- जवारे बोने के लिए जौ या गेहूं.
- मिट्टी पर छिड़कने के लिए साफ जल.
- मिट्टी के बर्तन पर बांधने के लिए मौली (कलावा).
माता के श्रंगार के लिए :
- लाल चुनरी.
- चूड़ी.
- बिछिया.
- इत्र.
- सिंदूर.
- महावर.
- बिंद्दी.
- मेहंदी.
- काजल.
- चोटी.
- गले के लिए माला या मंगल सूत्र.
- पायल.
- नेलपॉलिश.
- लिपस्टिक (लाली).
- चोटी में लगाने वाला रिबन.
- कान की बाली.
देवी पूजन में इन बातों का रखें ध्यान :
- तुलसी पत्ती न चढ़ाएं.
- माता की तस्वीर या मूर्ति में शेर दहाड़ता हुआ नहीं होना चाहिए.
- देवी पर दूर्वा नहीं चढ़ाएं.
- जवारे बोए हैं और अखंड ज्योति जलाई है तो घर खाली न छोड़ें.
- मूर्ति या तस्वीर के बाएं तरफ दीपक रखें.
- मूर्ति या तस्वीर के दायें तरफ जवारे बोएं.
- आसन पर बैठकर ही पूजा करें.
- जूट या ऊन का आसन होना चाहिए.
नवरात्रि के व्रत में इन बातों का रखना चाहिए खास ख्याल:
- नवरात्रि में नौ दिन का व्रत रखने वालों को दाढ़ी-मूंछ और बाल नहीं कटवाने चाहिए. इस दौरान बच्चों का मुंडन करवाना शुभ होता है.
- नौ दिनों तक नाखून नहीं काटने चाहिए.
- अगर आप नवरात्रि में कलश स्थापना कर रहे हैं, माता की चौकी का आयोजन कर रहे हैं या अखंड ज्योति जला रहे हैं तो इन दिनों घर खाली छोड़कर नहीं जाएं.
- इस दौरान खाने में प्याज, लहसुन और नॉन वेज बिल्कुल न खाएं.
- नौ दिन का व्रत रखने वालों को काले कपड़े नहीं पहनने चाहिए.
- व्रत रखने वाले लोगों को बेल्ट, चप्पल-जूते, बैग जैसी चमड़े की चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
- व्रत रखने वालों को नौ दिन तक नींबू नहीं काटना चाहिए.
- व्रत में नौ दिनों तक खाने में अनाज और नमक का सेवन नहीं करना चाहिए. खाने में कुट्टू का आटा, समारी के चावल, सिंघाड़े का आटा, साबूदाना, सेंधा नमक, फल, आलू, मेवे, मूंगफली खा सकते हैं.
- विष्णु पुराण के अनुसार, नवरात्रि व्रत के समय दिन में सोने, तम्बाकू चबाने और शारीरिक संबंध बनाने से भी व्रत का फल नहीं मिलता है.
नवरात्रि का त्यौहार भारत में बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है। नवरात्रि 9 दिनों का एक बड़ा त्यौहार है जिसमें देवी दुर्गा की पूजा-अर्चना बहुत ही उत्सव के साथ की जाती है। नवरात्रि एक संस्कृत शब्द है जिसमें ‘नव’ का अर्थ है नौ दिन तथा ‘रात्रि’ अर्थ है रात।
भारत में नवरात्रि का त्यौहार 9 से 10 दिनों तक बहुत ही बड़े तौर पर मनाया जाता है। नवरात्रि त्यौहार के आख़िरी दिन विजयदशमी या दशहरा का उत्सव मनाया जाता है। रामायण के अनुसार इसी दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था।
नवरात्रि त्यौहार के दौरान पूरे पारंपरिक तथा रीति रिवाज के साथ देवी दुर्गा मां के 9 अवतारों की पूजा की जाती है। माता दुर्गा के 9 रूपों के नाम हैं – शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री।
नवरात्रि का त्यौहार प्रतिवर्ष 5 बार मनाया जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र महीने में नवरात्रि त्यौहार को ‘वसंत नवरात्रि’ के रुप में मनाया जाता है जो आधुनिक युग के कैलेंडर के अनुसार मार्च के महीने में पड़ता है। वसंत नवरात्रि के नौवें दिन को राम नवमी के रुप में मनाया जाता है।
उसी प्रकार जून जुलाई के महीने में ‘गुप्त नवरात्रि’ मनाया जाता है। इस दिन को ‘गायत्री नवरात्रि’ के रूप में भी जाना जाता है। अक्टूबर और नवंबर के महीने में ‘शरद नवरात्रि’ मनाया जाता है जो हिंदू कैलेंडर के अनुसार अश्विन महीने के रूप में जाना जाता है।
नवरात्रि त्यौहार के दौरान भक्त दिन में एक बार भोजन करके या कुछ लोग फल या मात्र पानी पीकर उपवास करते हैं या व्रत रखते हैं। भारत में अलग अलग नवरात्रि के कई रंग और रूप देखने को मिलते हैं। नवरात्रि पर कुछ जगह में है दशहरा पर्व का शुरुआत भी माना जाता है।
उत्तर भारत में कई जगहों पर नवरात्रि के नौवें दिन ‘कन्यापूजन’ भी नवरात्रि के दौरान लोग करते हैं। इस पूजा में 9 छोटी लड़कियों को देवी मां के नौ रूप मानकर उनकी पूजा की जाती है और साथ ही उन्हें हलवा, पूरी, मिठाईयां, खाने को दिया जाता है।
उसी प्रकार भारत के पूर्वी राज्यों जैसे पश्चिम बंगाल में जगह-जगह दुर्गा मां के पंडाल बनाए जाते हैं जहां भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं। वहां पर माता दुर्गा की पूजा करते हैं और उनसे सुख शांति की कामना करते हैं। कई जगहों पर पारंपरिक नृत्य और गीत के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं जहां हजारों की तादाद में लोग पहुंचते हैं। दसवें दिन पश्चिम बंगाल के लोग मां दुर्गा की मिट्टी के मूर्तियों को पानी में विसर्जन कर देते हैं।
भारत के पश्चिमी राज्यों मैं नवरात्रि का एक अलग ही रंग दिखता है जहां शाम के समय लोग दांडिया खेलते हैं। अगर हम आसान शब्दों में नवरात्री का महान पर्व का उल्लेख करें तो यह एक ऐसा त्यौहार है जो भारत के हर एक कोने में मनाया जाता है।
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