भगत सिंह के क्रांतिकारी विचार
“अपने दुश्मन से बहस करने के लिये उसका अभ्यास करना बहुत जरुरी है।”
“क्रांति लाना किसी भी इंसान की ताकत के बाहर की बात है। क्रांति कभी भी अपनेआप नही आती। बल्कि किसी विशिष्ट वातावरण, सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियों में ही क्रांति लाई जा सकती है।”
“इंसानों को कुचलकर आप उनके विचारो को नही मार सकते।”
“मै एक इंसान हु और जो कुछ भी इंसानियत को प्रभावित करता है उससे मुझे मतलब है।”
“देशभक्तों को अक्सर लोग पागल कहते है।”
“क्रांति की तलवार विचारो की शान से तेज़ होती है।”
“इतिहास में गूंजता एक नाम है।
शेर की दहाड़ सा जोश था जिसमे वे थे।
छोटी सी उम्र में देश के लिये शहीद हुए जवान थे।
आज भी रोंगटे खड़े कर दे ऐसे विचारो के धनि थे।”
“जिंदगी तो अपने दम पर ही जी जाती है…दूसरो के कंधे पर तो सिर्फ जनाजे उठाये जाते है।”
“MAN ACTS ONLY WHEN HE IS SURE OF THE JUSTNESS OF HIS ACTION, AS WE THREW THE BOMB IN THE LEGISLATIVE ASSEMBLY.”
“प्रेमी, पागल और कवी एक ही चीज़ से बने होते है।”
“जिंदगी का उद्देश्य अब दिमाग को नियंत्रित करना नही बल्कि उसके साथ तालमेल बिठाना है, मुक्ति पाना नही बल्कि उसका बेहतरीन उपयोग करना है और सच, सुंदरता और अच्छाई को जानना नही बल्कि दैनिक जीवन के अनुभवों को जानना है। क्योकि सामाजिक विकास कुछ लोगो के उदात्तीकरण से नही बल्कि लोकतंत्र के सम्पन्निकरण से होता है। वैश्विक बंधुता सभी को समान रूप से अधिकार देने से ही आती है।”
“जिंदगी तो अपने दम पर ही जी जाती है… दूसरो के कंधे पर तो सिर्फ जनाजे उठाये जाते है।”
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