Saturday, 18 August 2018

Atal Bihari Vajpayee Famous Poem.

 ठन गई! 
मौत से ठन गई! 


जूझने का मेरा इरादा न था, 
मोड़ पर मिलेंगे इसका वादा न था, 

रास्ता रोक कर वह खड़ी हो गई, 
यों लगा ज़िन्दगी से बड़ी हो गई। 

मौत की उमर क्या है? दो पल भी नहीं, 
ज़िन्दगी सिलसिला, आज कल की नहीं। 

मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूं, 
लौटकर आऊँगा, कूच से क्यों डरूं? 

तू दबे पांव, चोरी-छिपे से न आ, 
सामने वार कर फिर मुझे आज़मा। 

मौत से बेख़बर, ज़िन्दगी का सफ़र, 
शाम हर सुरमई, रात बंसी का स्वर। 

बात ऐसी नहीं कि कोई ग़म ही नहीं, 
दर्द अपने-पराए कुछ कम भी नहीं। 

प्यार इतना परायों से मुझको मिला, 
न अपनों से बाक़ी हैं कोई गिला। 

हर चुनौती से दो हाथ मैंने किये, 
आंधियों में जलाए हैं बुझते दिए। 

आज झकझोरता तेज़ तूफ़ान है, 
नाव भंवरों की बांहों में मेहमान है। 

पार पाने का क़ायम मगर हौसला, 
देख तेवर तूफां का, तेवरी तन गई। 

मौत से ठन गई!

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Saturday, 12 May 2018

मातृ दिवस पर निबंध

मातृ दिवस पर निबंध Essay on Mothers Day in Hindi

मातृ दिवस या मां का दिन सबसे खुशी का उत्सव होता है और यह दिन मां और बच्चे के बंधन को और भी अधिक मजबूत करने का एक बड़ा मौका है वैसे तो हमें अपनी माँ को खुश करने के लिए कोई भव्य संकेतों की आवश्यकता नहीं है पर जैसे ही माताओं का दिन आता है। हम निश्चित रूप से हमारी माताओं के प्रति खुशी और कृतज्ञता से भरे हुए हो जाते हैं।
यह वह दिन है जब हम अपनी मां के आभारी होते है जिसने हमें इतना कुछ दिया है और अभी भी हमारे लिये बहुत अच्छा कर रही है। जिसकी बजह से हम अपने आपको हर दिन प्यार से भरा हुआ और संरक्षित महसूस करते हैं उसी माँ को ढेर सारी खुशियाँ और सम्मान देने वाला यह दिन है।

मातृ दिवस पर निबंध ESSAY ON MOTHERS DAY IN HINDI

मातृ दिवस हर साल मई महीने में दूसरे रविवार को मनाया जाता है। इस साल यह 13 मई 2018 को मनाया जायेगा। एक मां बच्चे के लिये सबसे मूल्यवान उपहार है। मां बच्चे के लिये सबकुछ होती है। जिसे भगवान ने हम सभी को दिया है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान अपने बच्चे की रक्षा के लिए हर जगह नहीं हो सकते हैं इसलिए उन्होंने सबके लिये एक मां बनाई,  मां भगवान का ही एक स्वरूप है।


मां हमारे लिये एक सुरक्षा के आवरण की तरह होती है, क्योंकि वह हमारे ऊपर आने वाली सभी समस्याओं और कष्टों से पहले ही हमें बचा लेती है। मां कभी भी अपनी समस्याओं के बारे में किसी से भी शिकायत नहीं करती और हमेशा हम सबकी बात भी सुनती है और उसका निवारण भी करती है। मां का दिवस उनके प्रति प्रेम, स्नेह और सम्मान दिखाने के लिए मनाया जाता है।
यह दिन हम सभी बच्चे और हमारी मां के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस दिन हमें अपनी मां को खुश करना चाहिए और उसे कभी उदास महसूस नहीं होने देना चाहिए। हमें अपनी माँ की हर बात का पालन करना चाहिए क्योंकि वह हमेशा अपने बच्चों को जीवन में एक अच्छा इंसान बनाना चाहती है।

Friday, 23 March 2018

भगत सिंह के क्रांतिकारी विचार

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“अपने दुश्मन से बहस करने के लिये उसका अभ्यास करना बहुत जरुरी है।”
“क्रांति लाना किसी भी इंसान की ताकत के बाहर की बात है। क्रांति कभी भी अपनेआप नही आती। बल्कि किसी विशिष्ट वातावरण, सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियों में ही क्रांति लाई जा सकती है।”
“इंसानों को कुचलकर आप उनके विचारो को नही मार सकते।”
“मै एक इंसान हु और जो कुछ भी इंसानियत को प्रभावित करता है उससे मुझे मतलब है।”
“देशभक्तों को अक्सर लोग पागल कहते है।”
“क्रांति की तलवार विचारो की शान से तेज़ होती है।”
“इतिहास में गूंजता एक नाम है।
शेर की दहाड़ सा जोश था जिसमे वे थे।
छोटी सी उम्र में देश के लिये शहीद हुए जवान थे।
आज भी रोंगटे खड़े कर दे ऐसे विचारो के धनि थे।”
“जिंदगी तो अपने दम पर ही जी जाती है…दूसरो के कंधे पर तो सिर्फ जनाजे उठाये जाते है।”
“MAN ACTS ONLY WHEN HE IS SURE OF THE JUSTNESS OF HIS ACTION, AS WE THREW THE BOMB IN THE LEGISLATIVE ASSEMBLY.”
“प्रेमी, पागल और कवी एक ही चीज़ से बने होते है।”
“जिंदगी का उद्देश्य अब दिमाग को नियंत्रित करना नही बल्कि उसके साथ तालमेल बिठाना है, मुक्ति पाना नही बल्कि उसका बेहतरीन उपयोग करना है और सच, सुंदरता और अच्छाई को जानना नही बल्कि दैनिक जीवन के अनुभवों को जानना है। क्योकि सामाजिक विकास कुछ लोगो के उदात्तीकरण से नही बल्कि लोकतंत्र के सम्पन्निकरण से होता है। वैश्विक बंधुता सभी को समान रूप से अधिकार देने से ही आती है।”
“जिंदगी तो अपने दम पर ही जी जाती है… दूसरो के कंधे पर तो सिर्फ जनाजे उठाये जाते है।”

Saturday, 17 March 2018

शुरू होने वाले हैं नवरात्र, ऐसे करें पूजा की तैयारियां

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नवरात्रि पर देवी पूजन और नौ दिन के व्रत का बहुत महत्व है. मां दुर्गा के नौ रूपों की अराधना का पावन पर्व शुरू होने वाला है. शास्त्रों में मां दुर्गा के नौ रूपों का बखान किया गया है. देवी के इन स्वरूपों की पूजा नवरात्रि में विशेष रूप से की जाती है. इस बार नवरात्र 18 मार्च से शुरू हो रहे हैं. नवरात्रि के नौ दिन लगातार माता पूजन चलता है. तो आइए जानें देवी के इस पावन पर्व पर कैसे करें पूजन की तैयारियां...
देवी पूजन की विशेष सामग्री :
- माता की मूर्ति या तस्वीर की स्थापना के लिए चौकी.
नवरात्रि पर देवी पूजन और नौ दिन के व्रत का बहुत महत्व है. मां दुर्गा के नौ रूपों की अराधना का पावन पर्व शुरू होने वाला है. शास्त्रों में मां दुर्गा के नौ रूपों का बखान किया गया है. देवी के इन स्वरूपों की पूजा नवरात्रि में विशेष रूप से की जाती है. इस बार नवरात्र 18 मार्च से शुरू हो रहे हैं. नवरात्रि के नौ दिन लगातार माता पूजन चलता है. तो आइए जानें देवी के इस पावन पर्व पर कैसे करें पूजन की तैयारियां...

देवी पूजन की विशेष सामग्री :
- माता की मूर्ति या तस्वीर की स्थापना के लिए चौकी.
- मां दुर्गा की तस्वीर या मूर्ति.
- चौकी पर बिछाने के लिए लाल या पीला कपड़ा.
- मां पर चढ़ाने के लिए लाल चुनरी या साड़ी.
- नौ दिन पाठ के लिए 'दुर्गासप्तशती' किताब.
- कलश.
- ताजा आम के पत्ते धुले हुए.
- फूल माला या फूल.
- एक जटा वाला नारियल.
- पान.
- सुपारी.
- इलायची.
- लौंग.
- कपूर.
- रोली, सिंदूर.
- मौली (कलावा).
- चावल.
अखंड ज्योति जलाने के लिए:
- पीतल या मिट्टी का साफ दीपक.
- घी.
- लंबी बत्ती के लिए रुई या बत्ती.
- दीपक पर लगाने के लिए रोली या सिंदूर.
- घी में डालने और दीपक के नीचे रखने के लिए चावल.
नौ दिन के लिए हवन सामग्री:
- हवन कुंड.
- आम की लकड़ी.
- हवन कुंड पर लगाने के लिए रोली या सिंदूर.
- काले तिल.
- चावल.
- जौ (जवा).
- धूप.
- चीनी.
- पांच मेवा.
- घी.
- लोबान.
- गुग्ल.
- लौंग का जौड़ा.
- कमल गट्टा.
- सुपारी.
- कपूर.
- हवन में चढ़ाने के लिए प्रसाद की मिठाई और नवमी को हलवा-पूरी.
- आचमन के लिए शुद्ध जल.
कलश स्थापना के लिए:
- एक कलश.
- कलश और नारियल में बांधने के लिए मौली (कलावा).
- 5, 7 या 11 आम के पत्ते धुले हुए.
- कलश पर स्वास्तिक बनाने के लिए रोली.
- कलश में भरने के लिए शुद्ध जल और गंगा जल.
- जल में डालने के लिए केसर और जायफल.
- जल में डालने के लिए सिक्का.
- कलश के नीचे रखने चावल या गेहूं.
जवारे बोने के लिए:
- मिट्टी का बर्तन.
- साफ मिट्टी (बगीचे की या गड्डा खोदकर मिट्टी लाएं).
- जवारे बोने के लिए जौ या गेहूं.
- मिट्टी पर छिड़कने के लिए साफ जल.
- मिट्टी के बर्तन पर बांधने के लिए मौली (कलावा).
माता के श्रंगार के लिए :
- लाल चुनरी.
- चूड़ी.
- बिछिया.
- इत्र.
- सिंदूर.
- महावर.
- बिंद्दी.
- मेहंदी.
- काजल.
- चोटी.
- गले के लिए माला या मंगल सूत्र.
- पायल.
- नेलपॉलिश.
- लिपस्टिक (लाली).
- चोटी में लगाने वाला रिबन.
- कान की बाली.
देवी पूजन में इन बातों का रखें ध्यान :
- तुलसी पत्ती न चढ़ाएं.
- माता की तस्वीर या मूर्ति में शेर दहाड़ता हुआ नहीं होना चाहिए.
- देवी पर दूर्वा नहीं चढ़ाएं.
- जवारे बोए हैं और अखंड ज्योति जलाई है तो घर खाली न छोड़ें.
- मूर्ति या तस्वीर के बाएं तरफ दीपक रखें.
- मूर्ति या तस्वीर के दायें तरफ जवारे बोएं.
- आसन पर बैठकर ही पूजा करें.
- जूट या ऊन का आसन होना चाहिए.
नवरात्रि के व्रत में इन बातों का रखना चाहिए खास ख्याल:
- नवरात्रि में नौ दिन का व्रत रखने वालों को दाढ़ी-मूंछ और बाल नहीं कटवाने चाहिए. इस दौरान बच्चों का मुंडन करवाना शुभ होता है.
- नौ दिनों तक नाखून नहीं काटने चाहिए.
- अगर आप नवरात्रि में कलश स्थापना कर रहे हैं, माता की चौकी का आयोजन कर रहे हैं या अखंड ज्योति जला रहे हैं तो इन दिनों घर खाली छोड़कर नहीं जाएं.  
- इस दौरान खाने में प्याज, लहसुन और नॉन वेज बिल्कुल न खाएं.
- नौ दिन का व्रत रखने वालों को काले कपड़े नहीं पहनने चाहिए.
- व्रत रखने वाले लोगों को बेल्ट, चप्पल-जूते, बैग जैसी चमड़े की चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
- व्रत रखने वालों को नौ दिन तक नींबू नहीं काटना चाहिए.
- व्रत में नौ दिनों तक खाने में अनाज और नमक का सेवन नहीं करना चाहिए. खाने में कुट्टू का आटा, समारी के चावल, सिंघाड़े का आटा, साबूदाना, सेंधा नमक, फल, आलू, मेवे, मूंगफली खा सकते हैं.
- विष्णु पुराण के अनुसार, नवरात्रि व्रत के समय दिन में सोने, तम्बाकू चबाने और शारीरिक संबंध बनाने से भी व्रत का फल नहीं मिलता है.


नवरात्रि का त्यौहार भारत में बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है। नवरात्रि 9 दिनों का एक बड़ा त्यौहार है जिसमें देवी दुर्गा की पूजा-अर्चना बहुत ही उत्सव के साथ की जाती है। नवरात्रि एक संस्कृत शब्द है जिसमें ‘नव’ का अर्थ है नौ दिन तथा ‘रात्रि’ अर्थ है रात।

भारत में नवरात्रि का त्यौहार 9 से 10 दिनों तक बहुत ही बड़े तौर पर मनाया जाता है। नवरात्रि त्यौहार के आख़िरी दिन विजयदशमी या दशहरा का उत्सव मनाया जाता है। रामायण के अनुसार इसी दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था।
नवरात्रि त्यौहार के दौरान पूरे पारंपरिक तथा रीति रिवाज के साथ देवी दुर्गा मां के 9 अवतारों की पूजा की जाती है। माता दुर्गा के 9 रूपों के नाम हैं – शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री
नवरात्रि का त्यौहार प्रतिवर्ष 5 बार मनाया जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र महीने में नवरात्रि त्यौहार को ‘वसंत नवरात्रि’ के रुप में मनाया जाता है जो आधुनिक युग के कैलेंडर के अनुसार मार्च के महीने में पड़ता है। वसंत नवरात्रि के नौवें दिन को राम नवमी के रुप में मनाया जाता है।
उसी प्रकार जून जुलाई के महीने में ‘गुप्त नवरात्रि’ मनाया जाता है। इस दिन को ‘गायत्री नवरात्रि’ के रूप में भी जाना जाता है। अक्टूबर और नवंबर के महीने में ‘शरद नवरात्रि’ मनाया जाता है जो हिंदू कैलेंडर के अनुसार अश्विन महीने के रूप में जाना जाता है।

नवरात्रि का उत्सव 


नवरात्रि त्यौहार के दौरान भक्त दिन में एक बार भोजन करके या कुछ लोग फल या मात्र पानी पीकर उपवास करते हैं या व्रत रखते हैं। भारत में  अलग अलग नवरात्रि के कई रंग और रूप देखने को मिलते हैं। नवरात्रि पर कुछ जगह में है दशहरा पर्व का शुरुआत भी माना जाता है।

उत्तर भारत में कई जगहों पर नवरात्रि के नौवें दिन ‘कन्यापूजन’ भी नवरात्रि के दौरान लोग करते हैं। इस पूजा में 9 छोटी लड़कियों को  देवी मां के नौ रूप मानकर उनकी पूजा की जाती है और साथ ही उन्हें हलवा, पूरी, मिठाईयां, खाने को दिया जाता है।
उसी प्रकार भारत के पूर्वी राज्यों जैसे पश्चिम बंगाल में जगह-जगह दुर्गा मां के पंडाल बनाए जाते हैं जहां भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं। वहां पर माता दुर्गा की पूजा करते हैं और उनसे सुख शांति की कामना करते हैं। कई जगहों पर पारंपरिक नृत्य और गीत के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं जहां हजारों की तादाद में लोग पहुंचते हैं।  दसवें दिन पश्चिम बंगाल के लोग मां दुर्गा की मिट्टी के मूर्तियों को पानी में विसर्जन कर देते हैं।
भारत के पश्चिमी राज्यों मैं नवरात्रि का एक अलग ही रंग दिखता है जहां शाम के समय लोग दांडिया खेलते हैं। अगर हम आसान शब्दों में नवरात्री का महान पर्व का उल्लेख करें तो यह एक ऐसा त्यौहार है जो भारत के हर एक कोने में मनाया जाता है।

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स्टीफन हॉकिंग के अनमोल विचार |


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Stephen Hawking Quotes
स्टीफन हॉकिंग दुनिया के सबसे महान वैज्ञानिकों में से एक हैं। आज स्टीफन हॉकिंग के अनमोल विचार को पुरे दुनिया को मानाना पड़ा। स्टीफन हॉकिंग पूरा जीवन ही हम सब के लिये एक प्रेरणास्रोत रहा हैं। आइये आज हम स्टीफन हॉकिंग के कुछ बेहद प्रेरणादायक विचारों को जानते हैं।

महान भौतिक विज्ञानी स्टीफन हॉकिंग के सुविचार / Stephen Hawking quotes in Hindi

“मैंने देखा है की वो लोग भी जो ये कहते हैं कि सब कुछ पहले से तय है, और हम उसे बदलने के लिए कुछ भी नहीं कर सकते, वे भी सड़क पार करने से पहले देखते है।”

“आक्रमकता इंसानो की सबसे बुरी आदत है जो उनकी सभ्यता का विनाश करती है।”

“हमारी बुद्धिमत्ता की सबसे बड़ी उपलब्धि हमें बोलने से मिलती है और हमारे बुद्धिमत्ता की सबसे बड़ी असफलता ना बोलने में है। कभी भी अपनी मानसिकता को असफलता की ओर मत ले जाइये। क्योकि हमारी सबसे बड़ी आशा ही हमारा भविष्य बनती है। इसीलिये हम सभी ने हमेशा बोलते रहना चाहिए।”

“बुद्धिमत्ता बदलाव को अपनाने की काबिलियत है।”

“मेरे सेलिब्रिटी होने का सबसे बड़ा नुकसान यह है की मैं किसी को बताये बिना दुनिया में कही भी नही जा सकता। काले चश्मे पहनकर बाहर निकलना मेरे लिये पर्याप्त नही। मुझे व्हील चेयर पर बैठकर दुनिया की सैर नही करनी।”

“अन्य विकलांग लोगों के लिए मेरी सलाह होगी, उन चीजों पर ध्यान दें जिन्हे अच्छी तरह से करने से आपकी विकलांगता नहीं रोकती, और उन चीजों के लिए अफ़सोस नहीं करें जिन्हे करने में ये बाधा डालती है। आत्मा और शरीर दोनों से विकलांग मत बनें।”
जो लोग अपनी आई.क्यू के बारे में डींगे हांकते हैं वे लूजर होते हैं।”


“पहली बात, हमेशा अपने पैरो की तरफ देखने के बजाये तारो की तरफ देखे। दूसरी बात, कभी भी किसी काम को अधूरा न छोड़े। क्योकि आपका काम ही आपको पहचान दिलाता है, और काम के बिना जीवन अधूरा है। तीसरी बात, यदि किस्मत से आप अपना प्रेम ढुंढने में सफल रहे तो उसे हमेशा यद् रखे और कभी अपने से दूर न करे।”
“यदि आप कही फसे हुए हो तो वहा उग्र होना अच्छी बात है। हम सिर्फ समस्याओ के बारे में सोचते रहते है लेकिन कभी उसे हल करने की कोशिश नही करते।”
“अगली बार कोई यह शिकायत करेगा की आपने गलती कर दी, उन्हें बताये की यह अच्छी बात है। क्योकि बिना परफेक्शन के आप कभी कुछ छोड़ नही सकते।”
“हम सभी अलग है, लेकिन हम सभी में मानवता समायी है। पहले अपनाना और फिर उससे गुजारा करना ही इंसानो की आदत होती है।”
“कभी-कभी मुझे आश्चर्य होता है कि क्या मैं अपनी व्हीलचेयर और विकलांगता के लिए उतना ही प्रसिद्ध हूँ जितना अपनी खोजों के लिए।”


“मैं सिर्फ एक बच्चा हु जो कभी बड़ा नही हुआ। मैं आज भी ‘क्यों’ और ‘कैसे’ जैस प्रश्न पूछता हु। और परिणामतः मुझे इसके जवाब भी मिलते है।”
“मैंने जीवन को यह समझकर ही जीया की 49 सालो बाद मेरी मृत्यु हो जायेगी। मुझे मौत से कोई डर नही लगता। लेकिन मुझे मरने की कोई जल्दी भी नही। क्योकि मरने से पहले बहोत कुछ करना बाकि है।”
“ऊपर सितारों की तरफ देखो अपने पैरों के नीचे नहीं। जो देखते हो उसका मतलब जानने की कोशिश करो और आश्चर्य करो की क्या है जो ब्रह्माण्ड का अस्तित्व बनाये हुए है। उत्सुक रहो।”
“यदि मैं मेरी विकलांगता के लिये गुस्सा करु तो ये मेरे लिए समय को व्यर्थ गवाने जैसा होगा। यदि आप हमेशा शिकायते करते रहोगे और क्रोधित रहोगे तो लोगो के पास आपके लिये समय नही होगा।”
“हम अपनी मूर्खता और लालच से खुद का ही विनाश करने में लगे हुए है।”
“कुछ लोगो का ऐसा मानना है की प्यार, ख़ुशी और सुंदरता जैसी बाते किसी अलग समुदाय के लोगो के लिये बने है जो विज्ञान से अलग हो लेकिन मुझे ऐसा कभी नही लगता।”
“चाहे ज़िन्दगी जितनी भी कठिन लगे, आप हमेशा कुछ न कुछ कर सकते हैं और सफल हो सकते हैं।”
“मेरे पास करने के लिए बहोत कुछ है, व्यर्थ समय गवाने से मुझे नफरत है।” 

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